अररिया में एसएसबी जवान की हत्या मामले में एक साथ पांच आरोपियों को उम्र कैद की सजा मिली है. जानें कैसे हुई थी हत्या.
हत्या के बाद ऐसा मिटाया सबूत:सबूत छिपाने के लिए शव को नहर में फेंक दिया गया. मृतक के भाई कन्हैया यादव ने अररिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जो 7 सितंबर 2016 को दर्ज हुई. जांच के बाद 30 सितंबर 2016 को आरोप पत्र दाखिल किया गया और 9 नवंबर 2016 को कोर्ट ने संज्ञान लिया. मामले में आरोप गठन 4 फरवरी 2017 को हुआ, जिसमें आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया. साक्ष्य 27 फरवरी 2017 से शुरू हुए और 14 गवाहों ने बयान दर्ज कराए, जिन्होंने घटना की पुष्टि की.
“गवाहों के बयानों से संतुष्ट होकर कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया. अभियोजन पक्ष ने फांसी की सजा की मांग की, जबकि बचाव पक्ष के वकीलों ने कम सजा की अपील की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने भादवि की धारा 302 और 120बी के तहत आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माना, साथ ही धारा 201 के तहत 5 साल की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माना सुनाया. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.”– लक्ष्मीनारायण यादव, पीपी अभियोजन पक्ष